पीसी (PC- Personal Computer) व्यक्तिगत
उपयोग के लिए छोटा, अपेक्षाक्रत कम खर्चीला डिजाइन किया गया कम्प्यूटर है। यह
माइक्रोप्रोसेसर तकनीक पर आधारित है। कम्प्यूटर निर्माताओ को एक चिप पर पूरी CPU
डलमे में सक्षम बनाता है। व्यापार में इसका उपयोग शब्द संसाधन (Word
Processing),लेखांकन (Accounting), डेस्कटॉप प्रकाशन, स्प्रेडशीट
तथा डेटबेस प्रबंधन आति के लिए होता है।
घर मे पर्सनल कम्प्यूटर का उपयोग मनोरंजन के लिए होता है
पर्सनल कम्प्यूटर का विकास(Development of Personal Computer):
पीसी(पर्सनल कम्प्यूटर) सबसे पहले 1970 के दशक
में दिखाई दीया। 1970 में माइक्रो प्रोसेसर के विकास ने PC का विकास किया।
सर्वप्रथम सबसे लोकप्रिय पीसी एप्पल II 1977 में एप्पल कम्प्यूटर के द्रारा
लाया गया। 1981 में IBM (International Business Machine ) ने अपना पहला
कम्प्यूटर बनाया। IBM PC उस समय का सबसे लोकप्रिय पीसी था।
पर्सनल कम्प्यूटर (पीसी) के घटक Parts of Personal Computer: एक पीसी आमतौर पर निम्नलिखित भागो से मिलकर बनता है—
सिस्टम यूनिट (System Unit): पीसी द्रारा किये जने वाले सारे कार्य यहीं से
नियंत्रित होते है। इसके पिछे के भाग से की-बोर्ड, मॉनिटर, तथा प्रिंटर आदि तारों
के सहारे जुडे रहते है। हार्ड डिस्क, सीडी ड्राइव तथा फ्लापी ड्राइव इत्यादि इसके
अन्दर जुडे रहते है। जिन्है कुछ सॉफ्टवेयर के सहारे जोडा जाता है। यह पीसी का
मुख्य भाग है। संरचना के आधार पर सिस्टम यूनिट दो प्रकार के होते है।
A.
डेस्कटॉप टाइप (Desktop Type): सिस्टम
यूनिट एक वर्गाकार बॉक्स की तरह होता है। तथा मॉनिटर इसके ऊपर रखा होता है।
B.
टावर टाइप (Tower Type): इसमें
सिस्टम यूनिट एक टावरनुमा बॉक्स में होता है। जो मॉनिटर के बगल में रखा जाता है।
इसमें अतिरिक्त भंडारण उपकरणो को स्थापित करना आसान होता है।
सिस्टम यूनिट के मुखय भाग (Main Parts of System Unit):
I.
सी पी यू (CPU) इसे प्रोसेसर या माइक्रो प्रोसेसर भी
कहते है। यह पीसी से जुडे विभिन्न उपकरणों को नियंत्रित करता है। यह कम्प्यूटर
द्रारा प्राप्त सूचनओं का विश्लेषण करता है।
इसके तीन भाग होते है।
मुख्य मेमोरी (Main Memory): वर्तमान में उपयोग हो रहे डेटा या
निर्देशो को संग्रहित करता है।
अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट(Arithmetic Logic Unit): अंकगणितीय
तथा तार्किक गणनाओ में इसका उपयोग होता है। यहां सभी प्रकार की गणना कि जा सकती
है।
कंट्रोल यूनिट (Control Unit): यह कम्प्यूटर
द्रारा हो रहे सारे कार्यो को नियंत्रित करता है।
II.
मदर बोर्ड (Mother Board): यह प्लास्टिक का बना एक सर्किट बोर्ड है जिसमें
धागे के समान संरचनाएं होती है। इस धातु के संरचना को बस BUS कहते
है। जिसके द्रारा विभिन्न संकेतों या सूचनाओ का आदान-प्रदान विध्युत प्रवाह के रूप में होता है। मदरबोर्ड कम्प्यूटर की बुनीयाद है।
कम्प्यूटर में प्रोसेसर विभिन्न प्रकार के कार्ड जैसे- डिस्प्ले कार्ड, साउन्ड
कार्ड आदि मदरबोर्ड पर ही स्थापित किये जाते है। यह कम्प्यटर का मुख्य भाग है।
III.
रैम (RAM): मदर बोर्ड पर
रेम लगाने का स्थान (SLOT) बना रहता है। जिसमें हम अपनी आवश्यकता
अनुसार रैम लगा सकते है। यह एक कार्य़कारी मेमोरी है यानि यह तभी कार्य करती है जब हम कम्प्यूटर पर कार्य कर रहे होते है।
कम्प्यूटर बन्द रहने पर इसमें संग्रहित सभी सूचनाए नष्ट हो जाती है। यहॉ सूचनाओ को
अस्थाई तौर पर रखा जाता है।
IV.
रॉम (ROM): रॉम अर्थात रीड
ऑनली मेमोरी जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस मेमोरी में संग्रहित डेटा को केवल
पढा जा सकता है।
V.
मैथ कोप्रोसेसर (Math
Coprocessor): यह कम्प्यूटर का दूसरा सहायक प्रोसेसर है। इसका उपयोग वैज्ञानिक
कार्यो और बीजगणितीय कार्यो के चल बिन्दु
गणनाऔ में होता है।
VI.
विडीयोकार्ड (Video card): इसे
ग्राफिक्स एक्सेलेरेटर कार्ड, डिसप्ले एडेप्टर या ग्राफिक्स कार्ड भी कहा जाता है।
यह हार्डवेयर का भाग है। जिसका कार्य स्क्रीन पर चित्र या द्रश्य प्रदस्रित करना
है।
VII.
साउन्ड कार्ड (Sound Card): अधिकतर
पीसी मल्टीमीडिया के लिए बने होते है। साउण्ड कार्ड मदरबोर्ड पर एक स्लॉट में लगा
रहता है। जिसकी सहायता से भाषण तथा संगीत की ध्वनि को सुना जाता है।
VIII.
विध्युत आपूर्ति (Power
Supply): पीसी के पीछे जहॉ पावर कार्ड जोडा जाता है। वह विध्युत आपूर्ति है।
यह AC वोलटेज को विभिन्न घटको के लिए उपयुक्त DC वोल्टेज में
परिवर्तित करता है। कम्प्यूटर के धटको को 5 वोल्ट कि आवश्यकता होती है।
IX.
स्पीकर (Speaker): सिस्टम
यूनिट के अन्दर कुछ ध्वनि संकेत के लिए स्पीकर लगा होता है। जेसे कम्प्यूटर ऑन
होता है तो स्क्रीन ऑन होने से पहले बीप ध्वनि स्पीकर द्रारा उतपन्न होती है।
X.
टइमर (Timer): यह मदरबोर्ड पर
लगा एक ऑतरिक घडी है। जो बैटरी से चलती है तथा कम्प्यूटर को आपरेशनो को
सिंक्रोनाइज करने के लिए इलेक्ट्रिकल पल्स
पैदा करती है। तथा इसकी स्पीड की गणना गीगा पर हर्टज में निकलती है।
XI.
एक्पैशन स्लोट (Expansion Slot) यह
कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में निर्धारित वह स्थान है, जहां भविष्य में किसी अन्य उपकरण को जोडने के
लिए स्लॉट बना होता है।
सिस्टम यूनिट के सामने के भाग में पावर स्विच, रिसेट वटन,
फ्लोपी ड्राइव तथा सीडी ड्राइव होता है।
पावर स्विच सिस्टम यूनिट में विध्युत आपुर्ति को ऑन या ऑफ करने के लिए उपयोग होता
है। रिसेट बटन सिस्टम में विध्युत आपुर्ति के बंद किये बिना फिर से ऑन करने के लिए
होता है। यह सिस्टम हैंग करने कि स्थिति में
प्रयोग होता है। फ्लॉपी ड्राइव तथा सीडी के रीड और राइट करने के लिए
उर्पयुक्त होता है।
सिस्टम यूनिट के पीछे के भाग में
विभिन्न यंत्रो को जोडने के लिए पोर्ट बना
होता है। ये निम्नलिखित है।
a.
पावर सॉकिट (Power Socket)
b.
की-बोर्ड (Key Board)
c.
मॉनिटर पोर्ट (Monitor Port)
d.
सीरियल पोर्ट (Serial Port)
e.
पैरेलल पोर्ट (Parallel Port)
f.
ऑडियो जैक (Audio Jack)
g.
नेटवर्क पोर्ट (Network Port)
h.
यू एस बी पोर्ट (USB Port)
i.
SCSI पोर्ट (Small Computer System
Interface Port)
2. हार्ड
डिस्क (Hard Disk): यह विशाल क्षमता युक्त स्थाई भंडारण युक्त है।
स्थाई भंडारण उपकरण है। सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम एवं डेटा इसमं संग्रह कर रखते है।
तथा आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर का उपयोग करता है। यह कम्प्यूटर में लगा स्थाई डेटा
स्टोर करने का उपकरण है।
3. साडी
ड्राइव (CD-Drive): सीडी से डाटा पढने या लिखकर स्टोर के लिए इसकि
आवश्यकता होती है।
4. फ्लॉपी
ड्राइव (Floppy Drive): फ्लापी को पढने या लिखने के लिए इसकी आवश्यकता
होती है।
5. मॉनीटर
(Monitor): यह आउटपुट उपकरण है। जिसके द्रारा मानव तथा
कम्प्यूटर के बीच संवाद होता है। यह सीपीयू से जुडा रहता है।
6. माउस
(Mouse): यह इनपुट उपकरण है। यह दो बटन, तीन बटन या ऑप्टिकल होते है। यह
सीपीयू से कार्ड के साथ जुडा रहता है।
7. की-बोर्ड
(Key-Board): पीसी में डेटा
इनपुट करने के लिए लगा उपकरण है। जिसके द्रारा हम अक्षरों एवं अंको के इनपुट
के रूप में कम्प्यूटर में डालते है। साधारण की बोर्ड में 104 की होते है।
पर IBM पीसी के की-बोर्ड में 83 की होते है।
8. स्पीकर
(Speaker): यह एक आउटपुट उपकरण है। यह ध्वनि के रूप में आउटपुट देता है। इसका
उपयोग प्रायः मनोरंजन के लिए होता है।
9. प्रिंटर
(Printer): यह एक आउटपुट उपकरण है जो कम्प्यूटर द्रारा
प्रदत्त आउटपुट को कागज पर प्रिंट करता है। या हार्ड कॉपी प्रदान करता है।
10. स्केनर
(Scanner): वह उपकरण जो इमेज को स्कैन करके बाइनरी कोड में
बदलकर कम्प्यूटर में इनपुट करता है।
11. सीडी
रॉम ड्राइव (CD Rom Drive): सीडी से डेटा पढने में प्रयुक्त किया
जाता है।
12. सीडी
राइटर (CD Writer ): सीडी से डेटा पढने एवं लिखने में प्रयुक्त होता
है।
13. सॉडेम
(Modem): यह Modulator –Demodulator का संक्षिप्त नाम है। यह टेलीफोन लाइन
के द्रारा कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोडता है। तथा डेटा को एख स्थान से दूसरे स्थान
पर भेजता है।
14. यू
पी एस(UPS- Uninterruptible Power Supply): यह बैटरी से
संचालित उपकरण है। जिसके द्ररा कम्प्यूटर में अनवरत वध्युत आपूर्ति बनी रहती है।
कम्प्यूटर अचानक बन्द हो जाने से वर्तमान में हो रहे कार्य नष्ट हो सकते है।
परन्तु यू पी एस के उपयोग से एसा होने से वचाया जाता है।