📱 Uninor क्या है? | Uninor Full Information
🔹 Introduction
Uninor भारत की एक प्रसिद्ध मोबाइल नेटवर्क कंपनी थी, जिसने सस्ते कॉल रेट और आसान मोबाइल सेवाओं के लिए काफी लोकप्रियता हासिल की।
यह कंपनी Unitech Wireless और Telenor Group (Norway) के बीच एक संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) थी। बाद में इसका नाम Telenor India कर दिया गया और अंततः यह Bharti Airtel में विलय हो गई।
🔹 Uninor की स्थापना (Establishment)
Uninor की शुरुआत 2009 में हुई थी।
कंपनी ने भारत के कई राज्यों में GSM मोबाइल सेवाएँ शुरू कीं, जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि।
इसका उद्देश्य था — आम जनता को सस्ती और भरोसेमंद मोबाइल कॉलिंग व इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करना।
🔹 Uninor की प्रमुख सेवाएँ (Main Services)
Uninor ने ग्राहकों के लिए कई सुविधाएँ दीं:
-
📞 GSM मोबाइल नेटवर्क
-
🌐 2G और 3G इंटरनेट सर्विस
-
💬 SMS, Voice Call, Value Added Services
-
💰 सस्ते प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान
-
📲 “Sabse Sasta” ऑफर और “Paisa Vasool” योजना
🔹 Uninor की टैगलाइन (Taglines)
Uninor अपने विज्ञापनों में हमेशा सस्ते और वैल्यू-फॉर-मनी सेवाओं पर फोकस करता था।
उसकी प्रसिद्ध टैगलाइन थी —
👉 “Sabse Sasta”
👉 “Ab Life Full Paisa Vasool”
🔹 2G स्पेक्ट्रम विवाद (2G Spectrum Case)
2012 में भारत में हुए 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के कारण कई कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे, जिनमें Uninor भी शामिल था।
इसके बाद कंपनी ने नए सिरे से कुछ सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लिया और फिर से काम शुरू किया।
🔹 नाम बदलकर Telenor India (Rebranding)
2014 में Uninor ने अपना नाम बदलकर Telenor India रख लिया।
इस बदलाव का उद्देश्य ब्रांड को नई पहचान देना और ग्राहक विश्वास बढ़ाना था।
इस समय कंपनी ने कई राज्यों में नेटवर्क मजबूत किया और बेहतर कवरेज देने की कोशिश की।
🔹 Airtel के साथ विलय (Merger with Airtel)
टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा (विशेषकर Reliance Jio के आने के बाद) और घाटे के कारण Telenor Group ने भारत में अपना मोबाइल बिजनेस Bharti Airtel के साथ मर्ज करने का फैसला किया।
2017 में Airtel ने Telenor India का अधिग्रहण (acquisition) कर लिया, और इसके सभी ग्राहक Airtel नेटवर्क में शामिल कर दिए गए।
📅 2018–2019 के दौरान Uninor/Telenor का नाम पूरी तरह खत्म हो गया।
🔹 Uninor का स्वामित्व (Ownership)
शुरुआत में Uninor का स्वामित्व इस प्रकार था:
-
Unitech Wireless: भारतीय भागीदार
-
Telenor Group (Norway): विदेशी निवेशक
बाद में Telenor Group ने Unitech की पूरी हिस्सेदारी खरीद ली और कंपनी पूरी तरह से Telenor की स्वामित्व में आ गई।
🔹 Uninor क्यों बंद हुआ? (Reasons for Closure)
-
📉 टेलीकॉम सेक्टर में कड़ी प्रतिस्पर्धा
-
💸 2G स्पेक्ट्रम विवाद और कानूनी दिक्कतें
-
📶 सीमित नेटवर्क कवरेज
-
📊 वित्तीय घाटा
-
📱 Reliance Jio और Airtel जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला
🔹 Uninor का इतिहास एक नजर में (Timeline)
| वर्ष | घटना |
|---|---|
| 2009 | Uninor की शुरुआत (Unitech Wireless और Telenor Group का संयुक्त उपक्रम) |
| 2010 | भारत के कई राज्यों में GSM सेवाएँ शुरू |
| 2012 | 2G स्पेक्ट्रम केस में कुछ लाइसेंस रद्द |
| 2014 | Uninor का नाम बदलकर Telenor India किया गया |
| 2017 | Bharti Airtel ने Telenor India का अधिग्रहण किया |
| 2019 | Uninor नाम पूरी तरह समाप्त हुआ |
🔹 वर्तमान स्थिति (Current Status)
आज Uninor / Telenor India स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में नहीं है।
इसकी सभी सेवाएँ, ग्राहक और नेटवर्क अब Bharti Airtel के अधीन हैं।
यदि आपके पास पुराना Uninor सिम कार्ड है, तो वह अब Airtel नेटवर्क पर कार्य करता है।
🔹 Conclusion
Uninor ने भारतीय टेलीकॉम बाजार में सस्ते कॉल रेट और पारदर्शी सेवाओं का नया अध्याय लिखा।
हालाँकि यह अब इतिहास बन चुका है, लेकिन इसके “Sabse Sasta” और “Paisa Vasool” ऑफर आज भी लोगों की यादों में हैं।
Uninor ने भारतीय मोबाइल सेवा क्षेत्र को सस्ती दरों की दिशा में एक नया मोड़ दिया था।
