माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पर्सनल कम्प्यूटर के लिए माइक्रोसॉफ्ट द्रारा विकसित किया गया था। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेटस् तथा पॉल एलेन है। विश्व के लगभग 90% कम्प्यूटरो में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज का उपयोग हो रहा है। यह ग्राफिकल यूजर (GUI), इंटरफेस, मल्टीटास्किंग, वर्चुअल मेमोरी की सुविधा देता है।
माइक्रोसॉफ्ट का प्रथम संस्करण 1.0, 20 नवम्बर 1985 में आया, जिसे इंटरफेस मेनेजर के नाम से जाना जाता था। परन्तु माइक्रोसॉफ्ट के मार्केटिंग प्रमुख रॉलेन्ड हैन्सन (Rowland Hanson) ने विडोज का नाम का सुझाव दिया जो उपभोक्ताऔ को ज्यादा आकर्षक लगा।
माइक्रोसॉफ्ट का दूसरा संस्करण 2.0, 9 दिसम्बर 1987 में आया, उस समय माइक्रोसॉफ्ट काफी लोकप्रिय हुआ। जो केवल मैकिन्टोस (Macintosh) सिस्टम पर चलता था। यह विंडोज की सफलता की शिरूआत थी। इसके बाद इसके बहुत से संस्करण आये। जैसे- 2.0x, 2.03, 3.0 इत्यादि। विंडोज 3.0 सन् 1990 में आया जो अतयाधुनिक सफल हुआ। इस संस्करण में मल्टीटास्किंग तथा वर्चुअल मेमोरी का परिचय दिया गया जो DOS की तुलना में काफी अच्छा था।
1. विंडोज 95- सन् 1995
2. विडोज 98- सन् 1998 में
3. विंडोज ME (Millennium) – सन् 2007 में
ग्राफिक्स यूजर इंटरफेस (GUI- Graphics User Interface): ग्राफिकल यूजर इंजरफेस यूजर को इलेक्ट्रोनिक यंत्र जैसे- कम्प्यूटर, Mp3 player, portable media इत्यादि से संवाद करने में सक्षम बनाता है। यह यूजर को सरलता तथा प्रभावी रूप से संवाद स्थापित करने मे मदद करता है। सर्वप्रथम जैरोक्स कॉरपोरेशन नाम की कंम्पनी नें GUI पर आधित जेरोक्स स्टार नामक कम्प्यूटर का विकास किया।
आइकन (ICON): आइकन छोटा सा ग्राफिक फोटो है। जो किसी भी प्रोग्राम के क्रियान्वन का प्रतिनिधित्व करता है। जब हम माउस द्रारा इस आइकन पर क्लिक करते है। तो इससे संबंन्धित प्रोग्राम क्रियान्वित होता है। इनका प्रयोग विंडोज वातावरण में होता है। इनके द्रारा फाइल, फोटो तथा फोल्डर डेस्कटॉप को दर्शाया जाता है। तथा इसके नीचो प्रोग्राम फोल्डर या फाइल का नाम लिखा होता है
इंटरफेस (Interface): यह दो कम्प्यूटर के बीच संचार स्थापित करता है। दो नेटवर्क या टर्मिनल और नेटवर्क के बीच संचार स्थापित करने की सुविधा को नेटवर्क इंटरफेस कहते है।