कम्प्यूटर एक स्वचलित तथा निर्रदेशो के अनुसार कार्य करने वाला इलेक्ट्रोनिक डिवाइस है, जो डेटा को ग्रहण करता है तथा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार , किसी परिणाम के लिए डेटा को प्रोसेस, संग्रिहित अथवा प्रदर्शित करता है।

कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare’ शब्द से हुई है। परन्तु कुछ विशेषज्ञो का मानना है, कि कम्प्य़ूटर शब्द की उतपत्ति ‘Compute’ शब्द से हुई है। सामान्यतः दोनो का अर्थ ही गणना करना है।
कम्प्यूटर शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरो से मिलकर बना है, जो इसके अर्थ  को और भी अधिक व्यापक बनाते है।

C- Commonly
O- Operated
M- Machine
P- Particularly
U- Used for
T- Technology
E- Education and
R- Research

कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन है, जो डेटा  को सूचना में बदलता है।

कम्प्यूटर का विकास और इतिहास  आधुनिक कम्प्यूटर को इतिहास में अए हुए मुश्किल से 50 वर्ष हि हुए है, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कम्प्यूटर हमारे जीवन के किसी न किसी तरह से सम्मिलित है। पिछले लगभग चार दशक में कम्प्यूटर ने हमारे समाज के रहन सहम व काम कर ने के तरिके को बदल दिया है।

अनुप्रयोगो के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते है।

एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer): भौतिक मात्राओ जैसे- दाब, ताप, लम्बाई, पारे इत्यादि को मापकर उनके परिणाम को अंको में परिवर्तित करता है। क्योकि ये कम्प्यूटर मात्राओ को अंको में प्रस्तुत करते है, इसलिए इनका उपयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रो में अधिक किया जाता है। इसके उदहरण है-स्पीडोमीटर, भूक्मप सूचक इत्यादि।

 डिजीटल कम्प्यूटर (Digital Computer):  अंको की गणना करने के लिए डिजीटल कम्प्यूटर को उपयोग किया जाता है। आधुनिक युग में प्रयुक्त अधिकतर कम्प्यूटर डिजीटल कम्प्यूटर की श्रेणी में ही आते है। ये इनपुट किये गये डेटा औऱ प्रोग्राम्स को 0 और 1 मे परिवर्तित करके इन्है इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत करते है। डिजीटल कम्प्यूटर का उपयोग व्यापार में ,घर के बजट में, तथा एनीमेंशन के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। इसके उदाहरण है- डेस्काटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप इत्यादि।

3हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer): हाइब्रिड कम्प्यूटर उन कम्प्यूटरो को कहा जाता है। जिनमें एनालॉग तथा डिजीटल कम्प्यूटरो के गुण सम्मिलित किये जाते है। इसका उपयोग भोतिक मात्राओ को अंको में परिवर्तित करके उसे डिजीटल रूप में परिवर्तित करके उसे डिजीटल रूप में ले आते है चिकित्सा के क्षेत्र में इसका सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। इसके उदाहरण है- ECG, DIALYSIS मशीन है।

 डेटा निरूपण कम्प्यूटर डेटा के निरूपण  के लिए बाइनरी भाषा का प्रयोग करता है। ये बाइनरी भाषा 0 और 1 से मिलकर बनी होता है। उपयोगकर्ता कम्प्यूटर को जो भी निर्देश इनपुट के रूप में देता है। या कम्प्यूटर से जो भी आउटपुट प्रुप्त करता है. वह अक्षर, संख्या , ध्वनि के रूप में होता है। इन सभी डेटा या निर्देशो को पहले बाइनरी भाषा में बदलना पढता है। अर्थात् डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रस्तुत करना पढता है। इस प्रक्रिया को डेटा निरूपण कहते है।
कम्प्यूटर कोड्स कम्प्यूटर कोई भी कैरेक्टर जैसे कि अल्फाबेट संख्या या कोई चिन्ह स्टोर कर सकता है। इन सभी केरेक्टरो के निरूपण के लिए बाइनरी संख्या पध्दिती  पर आधारित एक विशेष प्रकार के कोड की आवश्यकता होती है, जिसे कम्प्यूटर कोड कहा जाता है।

अमेरिकन स्टेण्डर्ड कोड फोर इन्फोर्मेशन इंटरचेंज स्टैण्डर्ड कैरेक्टर कोड का प्रयोग किसी प्रोग्राम द्रारा डेटा को स्टोर करने तथा उसका प्रयोग करने के लिए किया जाता है। ASCII कोड दो प्रकार को होते है।
·         ASCII-7: यह एक 7 बिट स्टैण्डर्ड कोड है जिसके कारण कुल 27=128 कैरेक्टर को निरूपित करता है।
·         ASCII-8: यह एक 8 बिट स्टैण्डर्ड कोड है इसमें 28=256 प्रकार के कैरेक्टर को निरूपित किया जा सकता है। यह ASCII-7 का बदला हुआ प्रारूप है।

कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एक कम्प्यूटर सिस्टम अनेक इकाइयो का एक समूह होता है, जो एक या अनेक लक्ष्यो की प्राप्ति के लिए बनाया जाता है। उदाहरणार्थ –प्रयोगशाला भी एक सिसिटमहै, जिसका लक्ष्य विभिन्न प्रकार के शोध करना होता है। तथा इसकी अनेक इकाईयॉ, वैज्ञानिक , उपकरण इत्यादि है। इसी प्रकार कम्प्यूटर एक सिस्टम है जिसका लक्ष्य विविध प्रकार के कार्य करना है। तथा जिसकी इकाइयाँ हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अन्तर

सिस्टम सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
कम्प्यूटर के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर होना अति आवश्यक है।
कम्प्यूटर के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का होना अवश्यक नहीं है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर को विकसित करना अधिक जटिल होता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को विकसित करना अधिक जटिल नहीं होता है।
यह हार्डवेयर को चला कर एप्लीकेशन को रन कराता है।
यह प्रयोगकर्ता के द्रारा दिये गये कार्य को ही करता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर मंहँगे होते है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सस्ते होते है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर को कस्टमाइज नहीं किया जा सकता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कस्टमाइज किया जा सकता है।


ऑपरेटिंग सिस्टम कुछ विशेष प्रोग्रामो का ऐसा समूह है जो किसी कम्प्यूटर के सम्पूर्ण क्रिया कलापो को नियन्त्रित करता है। यह कम्प्यूटर के साधनों के उपयोग पर नजर रखने और व्यवस्थित रखने में हमारी मदद करता है। वास्तव मैं यह उपयोगकर्ता और कम्प्यूटर के हार्डवेयर के बीच इण्टरफेस करता है।
माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज का पूरा नाम- माइक्रोसॉफ्ट-वाइड इण्टरएक्टिव नेटवर्क डेवलपमेंट फोर ऑफिस सॉल्यूशन, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बुल गेट्स तथा पॉल एलेन है। विश्व के लगभग 90% पर्सनल कम्प्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग हो रहा है। यह ग्राफिकल यूटर इंण्टरफेस  मल्टीटास्किंग, वर्चुअल मैमोरी की सुविधा देता है।
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का आविष्कार वर्ष 1998 में माइक्रोसॉफ्ट कम्प्नी (अमेरिका) ने किया था। मुख्य रूप से यह एक पैकेज है। जो विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर के संगठन  से बना है ये सॉफ्टवेयर किसी कार्यालय या किसी स्कूल आदि में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसका नाम (MS-OFFICE) है।

डेटाबेस सूचनाऔ का एक एसा व्यवस्थित संग्रह है जिससे हन किसू भी सूचनाओ सरलता से प्राप्त कर सकते है। डेटाबेस व्यवस्थित इसलिए होता है, क्योकि इसमें किसी भी डेटा या सूचना को एख निश्चित स्थान पर पहले से तय किए हुए रूप में रखा जाता है। ताकि कभी भी आवश्यकता पडने पर उसे आसानी से ढूँढ कर देखा जा  सके।
संचार का अर्थ है सूचनाओ का आदान-प्रदान करना वह प्रक्रिया जिसके द्रारा एक कम्प्यूटर से डेटा निर्देश तथा सूचनाएं दूसरे कम्प्यूटरों तक पहुँचती है। डेटा संचार कहलाती है। डेटा संचार में दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों को बीच डिजीटल या एनॉलॉग डेटा का स्थानॉतरण किया जाता है। जो आपस में संचार चैनल से जुडे होते है।
इण्टरनेट तथा इसकी सेवाएं- इंटरनेट कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ड व दक्ष माध्यम है, जिसने काफी लोकप्रियता अर्जित की है। इण्टरनेट के माध्यम से लाखो व्यक्ति सूचनाओ को कम्प्यूटरो के जरिए पूरी दुनियाँ में एक-दूसरे के साथ शेयर कर सकते है। यह विभिन्न आकारो व प्रकारो के नेटवर्को से मिलकर बना होता है।
इंट्रानेट- एक कम्प्यूटर के भीतर निजी नेटवर्को का समूह इंट्रानेट कहलाता है। इंण्ट्रानेट डेटा साझा करने की क्षमता तथा संगठन के कर्मचारियो के समग्र ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए नेटवर्क प्रोध्योगिकियो के प्रयोग द्रारा व्यक्तियो या व्यक्तियो के समूह के बीच संचार की सुविधा को आसान करता है।
एक्सट्रानेट- एक्ट्रानेट एक निजी नेटवर्क है जो सुरक्षित रूप से ग्राहको या अन्य व्यवसाय के लोगो के साथ जानकारी साझा करने के लिए इण्टरनेट प्रोध्योगिकी तथा सार्वजनिक  दीरसंचार प्रणाली का उपयोग करता है। एक्सट्रानेट को एक संगठन के इंट्रानेट के रूप में भी देखा जा सकता है। जो संगठन से बाहर के उपयोगकर्ताओ के लिए बढा दिया गया हो।
कम्प्यूटर सिक्योरिटू- कम्प्यूटर हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हर प्रकार के कार्य करने में सहायता करता है। इसलिए हम अपने कम्पयूटर को व्यक्तिगत व सुरक्षित रखना चाहते है। ताकि कोई अवैध उपयोगकर्ता इसका गलत इस्तेमाल ना करे और कोई वायरस भी सिस्टम को क्षति न पहुंचा सके।